हाय राम हमारी किस्मत तो, लगता है एकदम सो गई है;
जबसे मेरी शादी, एक अध्यापक जी से हो गई है।
सुबह 7 बजे घर से निकलें, ढाई बजे आ जाते हैं;
घर पड़े पड़े फिर पूरा दिन वह, मुझपे हुकुम चलाते हैं।
भगवान बनाया क्यों मुझे, एक बीवी टीचिंग वाले की;
अगले जनम मे मुझे बनाना, बीवी रेलवे वाले की।।
और ऊपर से पोसटिंग, हो जाए उनकी रोडसाइड मे;
सच कहती हूँ राज करूँगी, बिना तख़त बिन ताज के।
सुबह के निकले सैँया जी, देर रात घर आएंगे;